मां सरस्वती के प्रमुख मंदिर के बारे में जानें

      मां सरस्वती की पूजा का दिन 26 जनवरी है यानी गणतंत्र दिवस, गुरुवार को 26 जनवरी है आप चाहें तो एक शानदार वीकेंड प्लान कर सकते हैं। मां सरस्वती विद्या, कला, ज्ञान, संगीत की देवी है। मां सरस्वती का आशीर्वाद पाने देवता - राक्षस सब तत्पर रहते हैं क्योंकि उनके आशीर्वाद के बिना सब बेकार है। बसंत पंचमी पर मां सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए क्यों ना उनके मंदिर चला जाए, ऐसे हमारे यहां लगभग हर मुहल्ले में 3-4 जगह सरस्वती माता का मुर्ति पूजन होता ही है लेकिन मंदिर में जा कर वहां का इतिहास, बनावट, कल्चर, रहन-सहन, खान पान सब पता चलता। ऐसे भी कहीं यात्रा का हो जाता है ना तब वीकेंड बोरिंग हो जाता... आइए मां सरस्वती के प्रमुख मंदिर के बारे में जानें, अगर आप इस मंदिर के आसपास के रहने वाले हैं तो आप भी कुछ शेयर करें जानकारी.... 

        मां सरस्वती के प्रमुख मंदिर

    * मैहर का शारदा मंदिर - मध्य प्रदेश स्थित मैहर में मां सरस्वती का विख्यात मंदिर है जिसे शारदा मंदिर कहा जाता है। मैहर सीमेंट नाम आपने सुना होगा वहीं का हैं, यह मंदिर एक त्रिकुटा पर्वत पर स्थित है जो 600 फुट ऊंचा है। 1063 सीढ़ी है जब हम गये थे तो सीढ़ी ही एक उपाय था लेकिन अब रोप वे और गाड़ी भी जाने लगी है। यहां #बसंतपंचमी के अवसर पर बहुत भीड़ लगता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि आल्हा और ऊदल आज भी यहां पूजा करने रोज आया करते हैं।

   बसंत पंचमी: सरस्वती पूजा कब है जानें और इस दिन करें ये उपाय

      * पुष्कर में सरस्वती मंदिर - राजस्थान के पुष्कर में भारत का एकमात्र ब्रह्मा जी का मंदिर है वहीं मां सरस्वती का भी मंदिर है। कहा जाता है ब्रह्मा जी की पत्नी ने उनको शाप दे दिया था इसलिए यहां के अलावा इनका मंदिर कहीं नहीं है। अब शाप क्यों दिया ये जानना है तो अगले ब्लॉग में कहेंगे फिलहाल अभी मां सरस्वती का मंदिर के बारे में जानें। यहां मां सरस्वती नदी के रूप में उवर्रकता और शुद्धता के लिए जाने जाते हैं।

      * श्री ज्ञान सरस्वती मंदिर - यह मंदिर आंध्र प्रदेश के अदिलाबाद में है, यहां बसंत पंचमी पर विशेष भीड़ रहता है, यहां कहा जाता है इस जब महाभारत का युद्ध खत्म हुआ तो वेद व्यास मां सरस्वती की तपस्या किए थे, मां सरस्वती प्रसन्न होकर उनको दर्शन दिए और उनके आदेश अनुसार तीन मुट्ठी रेत से तीन मुर्ति बनाएं जो मां सरस्वती, मां काली और मां लक्ष्मी के रूप में आज भी‌ विराजमान हैं।

      * केरल की मुकाम्बिका मंदिर - यह मंदिर विद्या आरंभ उत्सो के लिए फेमस है, यहां बसंत पंचमी पर 10 दिन का मेला भी लगता है। मां सरस्वती का यह मंदिर पुर्व दिशा की ओर मुख करके है। यह केरल के एर्नाकुलम जिले में स्थित है।

      * शादरम्बा मंदिर श्रृंगेरी कर्नाटक - आदिगुरु शंकराचार्य जी ने 4 मठ स्थापित किए जिसमें पहला मठ श्रृंगेरी मठ है। जिसे शारदा मठ के नाम से भी जाना जाता है यहां चंदन की लकड़ी की प्रतिमा स्थापित था फिर 14 वी शताब्दी मे सोने की मुर्ति स्थापित किया गया। यहां के बारे में कहा जाता है कि भगवान शिव ने स्फटिक का शिवलिंग आदिगुरु शंकराचार्य जी को दिया था जो यहां स्थापित है। बसंत पंचमी ओ माघ सप्तमी को यहां भीड़ रहता है।

       * वाग्देवी नीलसरस्वती मंदिर उज्जैन - यह उज्जैन मध्यप्रदेश में स्थित है, यहां बसंत पंचमी पर माता का स्याही से अभीषेक होता है। यहां कमल का फूल और अष्टर का फूल चढ़ाया जाता है।

Post a Comment

Previous Post Next Post