विवाह पंचमी पर नेपाल के जानकी मंदिर सहित इन जगहों पर घूमें

      8 दिसंबर को विवाह पंचमी है इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाहोत्सव नेपाल के जानकी मंदिर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन यहां बहुत भीड़ रहती है, आप भी अगर नेपाल घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो जानकी मंदिर सहित इन जगहों पर घूमने अवश्य जाएं। 

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       जनकपुर नेपाल.......


        नेपाल में जिस जानकी मंदिर में भगवान राम और माता सीता का विवाहोत्सव होता है वह जानकी मंदिर जनकपुर नेपाल में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1911 में पूर्वकालीन मध्य भारत के टीकमगढ़ की महारानी कुमारी वृशभानू  ने कराया। यह मंदिर 4860 वर्ग फीट में फैला है। कहा जाता है कि यहां पहले जंगल था उसमें शुरकिशोर दास जी नाम के भक्त यहां तपस्या करने आए, कुछ दिन रहे तो यहां माता सीता जी के सोने की मूर्ति मिले जिसे शुरकिशोर जी ने स्थापित किया। इस मंदिर को बनाने में 9 लाख रुपए खर्च हुए इसलिए इसे नौलखा मंदिर भी कहा जाता है।


     नेपाल कैसे जाएं... 


       नेपाल कहने को तो विदेश है, पर यहां पासपोर्ट वीजा‌ नहीं लगता है। आपके पास बस अपने देश का मान्यता फोटो वाली पहचान पत्र हो। जैसे वोटर आईडी, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस आदि। आप नेपाल जाने के लिए काठमांडू हवाई अड्डा लें सकते हैं या बिहार, उत्तर प्रदेश से सटा उसका बोर्डर जिला तक जाएं बिना रोक टोक जा सकते हैं। रक्सौल, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बस सेवा भी है। अभी ठंड में हमारे यहां से बहुत सारे लोग आंखों के ऑपरेशन और विवाह पंचमी देखने जाते हैं। वहां रेल सेवा तो नहीं है आप बस, कार कर आसानी से जा सकते।


          विवाह पंचमी पर नेपाल के जानकी मंदिर सहित इन जगहों पर घूमें....


       * जनकपुर - यह नेपाल के तराई क्षेत्र में है। बिहार के सीतामढ़ी से बस से 210 किलोमीटर दूर जनकपुर है, जो 6 घंटे में आपको पहुंचा देगा।

       * काठमांडू - यह 1400 मीटर ऊंचाई पर स्थित है इसलिए यहां साल भर ठंड रहता है। यहां प्राकृतिक खूबसूरती मनमोहन है। काठमांडू के पश्चिम दिशा में एक पहाड़ी चोटी पर स्वयंभूनाथ मंदिर है। यहां बस बंदर से बच के रहिएगा, बहुत संख्या में हैं इसलिए इसे मंकी टेंपल भी कहा जाता है।

      * भक्तपुर - यह काठमांडू घाटी में स्थित है, अपने नाम के अनुरूप यहां मंदिर बहुत है तो भक्त भी है। इसलिए इसे भक्तों की नगरी कहते हैं। यहां घुमावदार सड़कों पर घूमने का मजा आता। यहां 52 स्क्वायर, 55 विंडो फैले,

     पशुपतिनाथ मंदिर यह काठमांडू से 3 किलोमीटर दूर है। साल 1979 में इस मंदिर को विश्व धरोहर स्थल में युनेस्को ने शामिल किया था। यह बागमती नदी के किनारे पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण तीसरी सदी ईसा पूर्व सोमदेव राजवनश ने कराया। यह मंदिर बहुत बार क्षतिग्रस्त हुआ लेकिन फिर उसी तरह निर्माण भी होते रहा। यहां भगवान शिव के पांच मुंह की मूर्ति है, चारों दिशाओं में चार मुख और एक ऊपर की ओर.... यहां और भी बहुत सारे मंदिर है जहां आप दर्शन कर सकते हैं।

     * लुम्बनी - यह बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। यह भारत बोर्डर से कुछ दूर पर नेपाल के दक्षिण क्षेत्र रुपन्देही जिला में है। यह विश्व धरोहर स्थल में युनेस्को ने रखा है। यहां स्तप और मठ देखने योग्य है। सम्राट अशोक द्वारा स्थापित अशोक स्तंभ है। माया देवी का मंदिर है।

       * पोखरा - यह नेपाल का दुसरा बड़ा शहर है।‌‌यह 900 मीटर ऊंचाई पर स्थित है, यहां फेव  झील, घोरपानी हिल्स, डेविस फाल, ताल बाराही मंदिर, शांति स्तूप आदि है।   


       चितवन नेशनल पार्क, चांगु नारायण मंदिर, नागरकोट, मां पाटेश्वरी देवी,  ‌ आदि‌ जगहों पर घूमने जा सकते हैं। नेपाल प्रकृति का उपहार, हिमालय की गोद में बसा देश है। हिंदू धर्म मानने वाला देश है, यहां मंदिर हैं जो मन की शांति और प्रकृति आंखों को सुकून देती है। अभी विवाह पंचमी पर जाएं तो नेपाल के इन जगहों पर अवश्य घूमें। मैं जब गयी थी तो जयनगर वाली ट्रेन पकड़ कर गयी थी। पिताजी के आंखों के ऑपरेशन के कारण 2-3 बार जा चुकी हुं। आप भी जाएं तो अवश्य कमेंट करें कैसा लगा आपको नेपाल....

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