भाद्रपद पूर्णिमा से गया जी में पिंडदान शुरू हो गया है, अभी लाखों की संख्या में गया जी में लोग अपने माता पिता और पूर्वजों को पिंड देने आ रहे। यहां आए हैं तो यहां के आसपास भी अवश्य घूमें, आज हम इस पोस्ट में गया जी और उसके आसपास के घूमने की जगह के बारे में विस्तार से बताएंगे। कब से शुरू हो रहा पितृपक्ष, जाने श्राद्ध की तिथियां
फोटो गुगल से लिया गया है |
गया जी बिहार राज्य में स्थित है जिला है जहां पितरों को पिंड देने के लिए हर साल लाखों लोग आते हैं। यहां अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में मेला लगता है। गया जी पटना से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित है। गया जी की मुख्य नदी फल्गु नदी है जहां पितरों को पिंड दिया जाता है। जहां विष्णु पद मन्दिर स्थित है।
गया से 13 किलोमीटर दूर बोधगया है ,यहां बहुत सारे मंदिर है जैसे यहां भगवान बुद्ध की प्रतिमा, महाबोधि मंदिर, महाबोधि वृक्ष, बोधगया,राॅयल लेक मोनेस्ट्री, थाई मठ,मंगलागौरी, वियतनाम मंदिर, चीनी मंदिर, मुंचलिंद लेक, बाबा कोटेश्वर, माता बंगला स्थान आदि घूमने की जगह है। अब इसके आसपास की जगह के बारे में जानें....
पिंडदान के लिए गया जी जा रहे हैं तो इन जगहों पर भी घूम लें......
पुनपुन नदी- पुनपुन नदी जहां पितरों का सबसे पहला पिंड दिया जाता हैं, यहां पौराणिक महत्व है पिंड का यहां जानें के लिए आपको पटना जंक्शन उतर कर बस से जाना होता है।
राजगीर - गया जी से 59 किलोमीटर दूर राजगीर है जहां घूमने के लिए बहुत सारी जगह है, यह गया जी से बस 1.5 घंटे की दूरी पर है। सुबह 10 बजे तक पिंडदान कर आप यहां अच्छी तरह घूम सकते हैं। राजगीर में घूमने के लिए विश्व शांति स्तूप, ग्रीधरकूट पर्वत जहां आप रोप वे से घूम शानदार नजारा देख सकते हैं। नेचर सफारी राजगीर जहां पुर्वोत्तर भारत का पहला ग्लास ब्रीज बना है जहां आपको 125 रु टिकट लेकर घूमने देता है।
राजगीर में कुंड भी बहुत फेमस हैं। यहां 22 कुंड और 55 जल धाराएं हैं। यहां गर्म पानी का कुंड है मकर संक्रांति पर यहां बहुत भीड़ लगती है यहां गर्म पानी में सब स्नान करते हैं। राजगीर जू सफारी जहां 5 तरह का जानवर जैसे बाघ,शेर, तेंदुआ, हिरण और भालू है। एक दो झील भी है आप एक दिन में राजगीर घूम सकते हैं।नालंदा विश्वविद्यालय - राजगीर से 13 किलोमीटर दूर नालंदा है, जहां सबसे पुराना विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय घूम सकते, म्यूजियम घूम सकते, पावापुरी जैन धर्म का धार्मिक महत्व है, जहां जैन के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर ने अंतिम उपदेश दिया था।
गया जी से 19 किलोमीटर दूर बेलागंज नाम का गांव है जहां कोटेश्वर सहस्त्र लिंगी महादेव मंदिर है, बेलागंज स्टेशन के पास दक्षिणेश्वर काली मंदिर है, जहां आप घूम सकते हैं। बेलागंज और मखदूमपूर जो जहानाबाद जिले में पड़ता है वहां सिद्धनाथ महादेव मंदिर, वाणावर गुफाएं, कौवाकोल की पहाड़ी घूम सकते। कौवाडोल की पहाड़ी के बारे में कहा जाता है कि उसके सबसे ऊपर की चट्टान कौवा के बैठने से डोलने लगती है ऐसे कोई कितना ताकत लगा लें कुछ नहीं होता।
आप गया जी के बाद पटना भी घूम सकते हैं अगले पोस्ट में पटना में घूमने की जगहों के बारे में विस्तार से बताएंगे।आप सब बने रहें, दुर्गा पूजा शुरू होने वाला है जल्द ही 52 शक्तिपीठ यात्रा की सीरीज भी ला रहे....